28.01.2022 को आयोजित केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों और क्षेत्रीय फेडरेशनों/एसोसिएशनों के संयुक्त मंच की ऑनलाइन बैठक ने सरकार की मजदूर विरोधी, जनविरोधी, राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ दो दिवसीय देशव्यापी आम हड़ताल की तारीखों में बदलाव किया है। जो अब 23-24 फरवरी, 2022 के स्थान पर 28-29 मार्च, 2022 होंगी।
बैठक में 11 नवंबर, 2021 को आयोजित मजदूरों के नेशनल कन्वेंशन में वर्ष 2022 में संसद के बजट सत्र के दौरान दो दिवसीय देशव्यापी आम हड़ताल आयोजित करने के निर्णय को याद किया गया और तदनुसार 3 दिसंबर 2021 को आयोजित मंच की संयुक्त बैठक में 23-24 फरवरी 2022 को हड़ताल की तारीख तय की गई थी।
बैठक में कहा गया है कि कई राज्यों और सेक्टरों में हड़ताल की तैयारी शुरू हो गई है, कुछ राज्यों में संयुक्त राज्य स्तरीय सम्मेलन और यहाँ तक कि जिला स्तरीय सम्मेलन भी हो चुके हैं।
हालांकि कई राज्यों ने ओमीक्रोन महामारी की बढ़ती तीसरी लहर के कारण हड़ताल की तैयारियों पर गंभीर बाधाओं की भी सूचना दी है। इसके अलावा, 23 फरवरी को होने वाले यूपी में राज्य विधानसभा चुनाव के एक चरण, 23-24 फरवरी के करीब ही तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल में स्थानीय निकाय चुनाव आदि जैसे कई कारकों पर ध्यान दिया गया। इसलिए केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों और क्षेत्रीय फेडरेशनों/एसोसिएशनों के संयुक्त मंच ने आम हड़ताल की तारीखों को 28-29 मार्च, 2022 तक स्थगित करने का फैसला किया है, जब संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण वास्तव में चालू होगा।
केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों और क्षेत्रीय फेडरेशनों/एसोसिएशनों का संयुक्त मंच 28-29 मार्च 2022 को दो दिवसीय देशव्यापी आम हड़ताल को जबरदस्त सफल बनाने के लिए मेहनतकशों और उनकी यूनियनों का आह्वान करता है कि जनता और राष्ट्र को विनाशकारी एवं राष्ट्रविरोधी नीति शासन से बचाने के लिए जोरदार तैयारी अभियान चलाऐं। संयुक्त मंच ने चुनावी राज्यों में मजदूरों और उनकी ट्रेड यूनियनों से भी आह्वान किया कि वे भाजपा सरकार को हराने के लिए जोरदार प्रचार करें। जिनकी नीतियों ने मजदूरों के नेशनल कन्वेंशन को दो दिनों की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान करने के लिए मजबूर किया है।
इंटक एटक एचएमएस सीटू एआईयूटीयूसी टीयूसीसी सेवा एआईसीसीटीयू एलपीएफ यूटीयूसी
और स्वतंत्र क्षेत्रीय फेडरेषनें/एसोसिएषनें